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भा.प्रौ.सं. मुंबई में आपका स्वागत है!

 

भा.प्रौ.सं. मुंबई विद्यार्थियों, नवोदित उद्यमियों, उत्कृष्ट शोधकर्ताओं और विशिष्ट संकायों का एक ऊर्जावान स्थल है, जो इसके आदर्श वाक्य "ज्ञानम् परमम् ध्येयम्" (ज्ञान ही सर्वोच्च लक्ष्य है) से निरंतर प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं और इसकी स्थापना के समय से ही, इसे साकार करते रहे हैं। संस्थान निरंतर उत्कृष्टता की ओर संलग्न है और समय के साथ अद्यतन होने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों, शोध बुनियादी ढांचे, और अपने हितधारकों की मानसिक और शारीरिक कल्याण के माध्यम से ज्ञान सृजन और साझाकरण को बढ़ावा देता है।

भा.प्रौ.सं. मुंबई अपने ऊर्जावान परिसर में विद्यार्थियों, संकाय और कर्मचारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण तथा सशक्त वातावरण प्रदान करता है, जहाँ खेल सुविधाएँ और सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त है यहाँ की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाएँ, सशक्त अकादमिक-उद्योग सहयोग, नवोन्मेषी अंतर्विषयक अनुसंधान, सुदृढ़ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम, औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर और एक समावेशी वातावरण, इस संस्थान को अपने विद्यार्थियों और संकाय के मन एवं हृदय को संवारने का एक अद्वितीय स्थान बनाता है।

भा.प्रौ.सं. मुंबई का निरंतर ध्यान अत्याधुनिक अनुसंधान, इनक्यूबेशन, उद्यमिता और भविष्य के लक्ष्यों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है, जिससे यह अन्य संस्थानों से अलग एक विशिष्ट पहचान बनाते हुए क्यूएस रैंकिंग 2024 में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बना पाया है। हम देश में पहले स्थान पर मजबूती से खड़े हैं। इसके अतिरिक्त, भा.प्रौ.सं. मुंबई को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के तहत  लगातार देश के शीर्ष 3 अभियांत्रिकी संस्थानों में भी स्थान प्राप्त हुआ है।
संस्थान ने हाल ही में, अपने भूतपूर्व छात्रों और उद्योग जगत के उदार दान के सहयोग से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग, डिजिटल स्वास्थ्य, तेल, गैस और ऊर्जा क्षेत्र, इस्पात, संधारणीयता हेतु  हरित ऊर्जा, सार्वजनिक नीति, क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव-अभियांत्रिकी, नैनोप्रौद्योगिकी आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं। ये केंद्र नए, विशिष्ट और अंतर्विषयक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

भा.प्रौ.सं. मुंबई ने अर्थशास्त्र में विज्ञान स्नातक (BS) कार्यक्रम और औद्योगिक अभियांत्रिकी एवं परिचालन अनुसंधान (आईईओआर) में बी.टेक कार्यक्रम के साथ-साथ कई स्नातकोत्तर कार्यक्रम और पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की है।
आइए, हम भा.प्रौ.सं. मुंबई की परिकल्पना – विश्व के सबसे प्रमुख अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों में से एक बनने, अपने संकाय, विद्यार्थियों, भूतपूर्व छात्रों और कर्मचारियों की मदद से स्थानीय और वैश्विक समस्याओं को हल करने, और उद्योग जगत, सरकार तथा समाज के साथ मिलकर कार्य करने के एक त्वरित मार्ग पर ले चलें। 
आइए, हम संस्थान को नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर करें और अपने देश, भारतीय संस्कृति की समावेशिता और सभी की भागीदारी में योगदान करें। आइए, हम अपने अनुसंधान और शिक्षण के माध्यम से दुनिया को प्रेरित करें, ताकि हम एक स्थायी और समृद्ध स्थान का निर्माण कर सकें।

प्रा. शिरीष केदारे के बारे में:
प्रा. शिरीष केदारे ने 6 मई, 2024 को भा.प्रौ.सं. मुंबई के निदेशक के रूप में आधिकारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। आप भा.प्रौ.सं. मुंबई में ऊर्जा विज्ञान और अभियांत्रिकी के प्राध्यापक होने के साथ-साथ  तेल, गैस और ऊर्जा उत्कृष्टता केंद्र के प्रभारी प्राध्यापक भी रह चुके हैं।

आपने 1985 में भा.प्रौ.सं. मुंबई से यांत्रिकी अभियांत्रिकी में बी.टेक. की उपाधि प्राप्त की और 1992 में यहीं से पीएच.डी. पूरी की।
प्रा. केदारे, भा.प्रौ.सं. मुंबई और बाह्यस्थ कई महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य कर चुके हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • आईआईटी मद्रास के शासी मंडल (BoG) के सदस्य
    • विशेषज्ञ सदस्य, आयोग  (एस एंड टी), खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC), भारत सरकार 
    • निदेशक, सु-लोक चेतना प्रतिष्ठान, सातारा  
    • नामित सदस्य, आईआईटी परिषद, शिक्षा मंत्रालय 
    • सदस्य, सौर तापीय ऊर्जा उप-समिति, भारतीय मानक ब्यूरो, भारत सरकार 
    • सदस्य, अनुसंधान सलाहकार परिषद (आरएसी), एनटीपीसी ऊर्जा प्रौद्योगिकी अनुसंधान गठबंधन (नेत्रा) 
    • मुंबई स्थित एसएनडीटी विश्वविद्यालय के सलाहकार बोर्ड पर राज्यपाल के नामित सदस्य
    • सदस्य, प्रबंधन बोर्ड, गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान सोसाइटी, डिंडीगुल 
इसके अतिरिक्त, वे पूर्व में ओएनजीसी लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक और  क्लिक डेवलपमेंट लिमिटेड, मुंबई के निदेशक (अनु एवं विकास) भी रह चुके हैं।
प्रा. केदारे का शोध कार्य मुख्य रूप से सौर प्रौद्योगिकियों, पवन ऊर्जा, ऊर्जा परिवर्तन, विकार्बनन हेतु नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ, ग्रामीण उपकरण और सहभागी प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में केंद्रित है।
उन्हें उद्योग, उद्यमिता, उत्पाद विकास और वाणिज्यीकरण के क्षेत्र में व्यापक अनुभव प्राप्त है। क्लिक डेवलपमेंट लिमिटेड में निदेशक (अनु एवं विकास) के रूप में उनके प्रमुख कार्यभारों में सौर फ्रेनेल संकेंद्रित परावर्तकों, विशेषकर औद्योगिक प्रक्रिया ऊष्मा के लिए ‘अरुण’ सौर बॉयलर के शोध, विकास, डिज़ाइन, निर्माण, स्थापना, प्रदर्शन परीक्षण और वाणिज्यीकरण में महत्त्वपूर्ण योगदान शामिल है।  
उन्होंने पिछले चार दशकों से किसानों, कारीगरों और ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के साथ मिलकर काम किया है और समाज के लिए उपयोगी प्रौद्योगिकियों के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।

प्रा. केदारे के पास संगठनों के प्रशासन में महत्वपूर्ण अनुभव है, और वे सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों, शैक्षिक संस्थाओं, तथा स्वैच्छिक और गैर-सरकारी संगठनों में संगठनात्मक प्रणालियों एवं संरचनाओं के विकास और सुधार में गहरी विशेषज्ञता रखते हैं। ओएनजीसी के बोर्ड सदस्य के रूप में उन्होंने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुसंगत किया, और आईआईटी मद्रास के शासी मंडल के सदस्य के रूप में उन्होंने संकायों और उद्योग जगत के संबंधों को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है। 

प्रा. केदारे के नाम अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 57 से अधिक अभिपत्र और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों/प्रस्तुतियों में 44 से अधिक शोध पत्र प्रकाशन का रिकॉर्ड हैं। उन्होंने 100 से अधिक व्याख्यान दिए हैं, और अभी तक13 पीएच.डी. विद्यार्थियों को और 90 से अधिक स्नातकोत्तर शोध प्रबंधों का मार्गदर्शन किया है। उन्हें 10 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2014 में डॉ. पी.के. पटवर्धन प्रौद्योगिकी विकास पुरस्कार और 2018 में उत्कृष्ट अध्यापन हेतु विभागीय पुरस्कार शामिल है। 

Sr. No.  Year Details Click the link to view the report
1 2020 Report presented by Prof. Subhasis Chaudhuri, Director, IIT Bombay at the 58th Convocation (Visual Reality mode) held on August 23, 2020. Director's Report 2019-20
2 2021 Report presented by Prof. Subhasis Chaudhuri, Director, IIT Bombay at the 59th Convocation (Mixed Reality mode) held on August 7, 2021 Director's Report 2020-21  
3 2022 Report presented by Prof. Subhasis Chaudhuri, Director, IIT Bombay at the 60th Convocation (in physical mode) held on August 20, 2022

Director's Report 2021-22