इनट्रिनसीकली कंडक्टिंग पॉलीमर्स (अंतर्निहित रूप से चालक बहुलक) (आईसीपी) के रासायनिक विश्लेषण में नई खोज से विभिन्न भावी अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त पॉलीमर्स (बहुलकों) की आसानी से पहचान हो सकती है । भा.प्रौ.सं मुंबई के अनुसंधानकर्ताओं ने उनके आवेश संचयन (चार्ज स्टोरेज) अभिलक्षणों को परिमाणित करने के लिए एक नवीन एवं अधिक सरल प्रणाली प्रस्तुत की है । हमेशा आश्चर्य करते हैं कि विद्युत उपकरणों, बैटरियों, माइक्रोइलेक्ट्रानिक, विद्युत-चुंबकीय, व्यतिकरण परिरक्षकों (इन्टफरेंस शील्ड्स) और माइक्रोमशीनों को क्या जोड़ता है? एक नया प्रौद्योगिकीय आश्चर्य है जिसे इनट्रिनसीकली कंडक्टिंग पॉलीमर्स कहा गया है । उच्च इलेक्ट्रिकल चालकता वाले ये पॉलीमर्स देर से ही सही अनुसंधान और विकास समुदाय में गहन रूचि उत्पन्न कर चुके है । कंडक्टिंग पॉलीमर्स का उपयोग बैटरियों के लिए इलेक्ट्रोड से लेकर एन्टीस्टेटिक अंतरिक्ष सूट के संवेदकों के अनुप्रयोगों में किया जाता है । इलेक्टिक विभव (पोटेन्सियल) में परिवर्तन करके पॉलीमर फिल्म का रंग बदला जाता है ताकि ऐसे पदार्थों का उपयोग सूर्य की रोशनी की चौंध को रोकने के लिए खिड़कियों को कांचित करने में किया जा सके; इसके लिए उच्च विभव में नीले रंग का उपयोग किया जाता है । इन पॉलीमर्स का समान गुणधर्म इलेक्ट्रोक्रोमिक डिस्प्ले में अनुप्रयोग के लिए उनका विभव उन्हें आपूर्ति कराता है । सुश्री. असफिया क्यू. कॉन्ट्रेक्टर और विनय ए. जुवेकर, रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग ने विभिन्न कंडक्टिंग पॉलीमर्स के आवेश संचयन अभिलक्षणों को परिमाणित करने के लिए एक नवीन प्रणाली विकसित की है । यह कार्य कंडक्टिंग पॉलीमर्स के चार्जिंग-डिस्चार्जिंग व्यवहार की मौलिक समझ में सहायता करता है । इलेक्ट्रान प्रचक्रण अनुनाद और रमन स्पेक्ट्रोदर्शी आईसीपी के आवेश संचयन अभिलक्षण की जांच के लिए वर्तमान में उपलब्ध प्रविधियॉं हैं, इनकी तुलना में नई और अधिक सरल रेडॉक्स अभिक्रिया आधारित प्रविधि न केवल अभिलक्षणों का अधिक सटीक परिमाणन देती है बल्कि हम प्रत्येक चार्जिंग प्रणाली में चार्ज वाहक की ऊर्जा का पता करने में भी सक्षम है । शोध पत्र हाल ही में ‘एनालायटिकल केमिस्ट्री ऑफ द अमेरिकन केमिकल सोसायटी’ जर्नल में प्रकाशित किया है जो कि विषय पर सर्वाधिक प्रतिष्ठित जर्नल है । यह प्रयोग की सरलता परिणामों के विश्लेषण को सरल करने में सहायता करेगी । ‘’जब प्रयोग जटिल होते हैं तो परिणामों का विश्लेषण भी जटिल हो जाता है,’’ लेखक कहता है । विकसित प्रणाली साधारण है और अन्य इनट्रिनसीकली कंडक्टिंग पॉलीमर्स के आवेश संचयन अभिलक्षणों की जांच के लिए भी अनुप्रयोग में लाई जा सकती है; इसके द्वारा विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए आईसीपी को चयन करने एवं सामंजस्य स्थापित करने हेतु उपयोगी उपकरण उपलब्ध होता है । अपेक्षा है कि भविष्य में यह प्रणाली अच्छा प्रभाव दिखाएगी । इस कार्य में प्रयुक्त कंडक्टिंग पॉलीयनीलाइन फिल्में परम्परागत संधारित्रों (कैपेसिटर्स) एवं कार्बनइलेक्ट्रोडों से अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकती है । कंडक्टिंग पॉलीमर्स ऐसा गुणधर्म दिखाते हैं जिसे ‘सियूडोकैपेसिटेन्स’ कहा जाता है जहॉं वे परम्परागत कार्बन इलेक्ट्रोड जो केवल सतह पर संचय करते हैं की तुलना में सामग्री के अधिकांश भाग में आवेश का संचय करते हैं । इसके अतिरिक्त इन फिल्मों का निर्माण, कक्ष तापक्रम में तनु अम्ल माध्यम में आसानी से किया जात सकता है और इस प्रकार विशेष निर्माण आवश्यकताओं की जरूरत नहीं है ।