भा.प्रौ.सं मुंबई के बारे में

 वर्ष 1958 में स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रृंखला का द्वितीय संस्थान है और ऐसा पहला संस्थान है जो विदेशी सहायता से स्थापित किया गया है ।  यूनेस्को से रुबल के रूप में प्राप्त निधि उस समय के सोवियत संघ द्वारा प्राप्त है । वर्ष1961 में, संसद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को ‘’राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’’ के रूप में घोषित किया ।  तब से भा.प्रौ.सं मुंबई विकास करते हुए अधिकाधिक मजबूत होता गया और विश्व के शीर्ष तकनीकी विश्व विद्यालयों में से एक  के रूप में उभरा है।  


इस संस्थान को पूरे विश्व में अभियांत्रिकी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान के रूप में अभिज्ञात है। संस्थान अवर पूर्व-स्नातक तथा स्नात्तकोत्तर कार्यक्रमों से उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की उत्कृष्ट बौद्धिक  योग्यता के लिए प्रतिष्ठित संस्थान में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टोरल कार्यक्रमों के लिए कुशाग्र बुद्धि के विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं ।  भा.प्रौ.सं. मुंबई में अनुसंधान और शैक्षिक कार्यक्रम उत्कृष्ट संकाय सदस्यों द्वारा चलाए जाते हैं ।  कई संकाय सदस्य अपने अनुसंधान योगदान के लिए अन्तर्राष्ट्रीय रूप से ख्याति प्राप्त हैं ।  

भा. प्रौ. सं. मुंबई अनुसंधान के क्षेत्र में विस्तार हेतु एवं अपने शैक्षिक कार्यक्रमों को समृद्ध करने के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दोनों स्तर के समकक्ष विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से जुड़ा हुआ है ।  यहां के पूर्व विद्यार्थी उद्योग, शैक्षणिक, अनुसंधान, व्यापार, सरकारी एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों एवं योगदानों के माध्यम से अपनी विशेष पहचान बना चुके हैं ।  यह संस्थान शैक्षिक और अनुसंधान कार्यक्रमों में सम्पर्क माध्यम से अपनी गतिविधियॉं बढ़ाने के लिए तथा वित्तीय समर्थन जुटाने के लिए पूर्व-विद्यार्थियों के साथ निकटता से कार्य कर रहा है ।

गत वर्षों में, संस्थान ने सतत शिक्षा एवं दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों द्वारा अपने नवीन अल्प-कालीन पाठ्यक्रमों के लिए एक स्थान बना लिया है ।  संस्थान के संकाय सदस्य प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं ।  इसमें शांति स्वरूप भटनागर और पद्म पुरस्कार भी शामिल हैं ।

यह पवई में स्थित है, जो मुंबई के उत्तरी उपनगरों में एक है, संस्थान के आवासियों को भारत की व्यस्ततम वित्तीय राजधानी में यहां रहने का सुअवसर प्राप्त होता है, साथ ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने-माने परिसर की शांतचित्तता का भी आनंद प्राप्त होता  है । इस पूर्णतया आवासीय संस्थान में विद्यार्थी इसके 15 इन-हाउस भोजन (डाइनिंग) की व्यवस्था सहित छात्रावासों में रहते हैं,  परिसर में उत्कृष्ट खेलकूद सुविधाएं तथा अन्य मनोरंजन की सुविधाएं हैं ।